प्रधानमंत्री मोदी ने की गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा बैठक, सचिवों को दिए महत्वपूर्ण निर्देश रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता का श्रेय भारतीय सेना….
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के सचिवों के साथ एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में हाल के राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी विकासों के मद्देनजर तैयारियों और अंतर-मंत्रालयी समन्वय की समीक्षा की गई।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के सचिवों के साथ एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में हाल के राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी विकासों के मद्देनजर तैयारियों और अंतर-मंत्रालयी समन्वय की समीक्षा की गई।
प्रमुख बिंदु:
राष्ट्रीय सुरक्षा और समन्वय:
पीएम मोदी ने मंत्रालयों और एजेंसियों के बीच निर्बाध समन्वय की आवश्यकता पर जोर दिया।
महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा, नागरिक सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने और अफवाहों से निपटने पर चर्चा हुई।
सभी मंत्रालयों को आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रोटोकॉल और राज्य सरकारों के साथ तालमेल बनाए रखने के निर्देश दिए गए।
बैठक में शामिल प्रमुख व्यक्ति:
कैबिनेट सचिव, गृह, रक्षा, विदेश, सूचना एवं प्रसारण, स्वास्थ्य और दूरसंचार मंत्रालयों के सचिव।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का ‘राष्ट्रीय गुणवत्ता सम्मेलन 2025’ में ऐतिहासिक भाषण:
“ऑपरेशन सिंदूर की सफलता भारतीय सेना के उन्नत उपकरणों और प्रशिक्षण का परिणाम”
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय गुणवत्ता सम्मेलन में देश को संबोधित करते हुए कहा कि “ऑपरेशन सिंदूर” की सफलता भारतीय सशस्त्र बलों के पेशेवर प्रशिक्षण और उच्च-गुणवत्ता वाले उपकरणों के कारण संभव हुई। इस ऑपरेशन में पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया, जिसमें न्यूनतम नागरिक नुकसान हुआ।
मुख्य घोषणाएँ:
स्वदेशी रक्षा उद्योग को बढ़ावा:
2024-25 में भारत का रक्षा निर्यात ₹24,000 करोड़ के रिकॉर्ड स्तर पर पहुँचा। 2029 तक इसे ₹50,000 करोड़ करने का लक्ष्य।
“ब्रांड इंडिया” की अवधारणा पर जोर: “भारतीय उत्पादों की गुणवत्ता पर वैश्विक विश्वास बनाना आवश्यक।”
प्रौद्योगिकी और गुणवत्ता प्रबंधन:
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), और मशीन लर्निंग (ML) जैसी तकनीकों का उपयोग कर वास्तविक समय में गुणवत्ता निगरानी।
“उद्योग 4.0/गुणवत्ता 4.0 रोडमैप” की शुरुआत: IoT-सक्षम परीक्षण, डिजिटल डैशबोर्ड और AI-आधारित डेटा विश्लेषण को बढ़ावा।
ऐतिहासिक विधेयक:
“ड्राफ्ट इंडियन मिलिट्री एयरवर्थनेस बिल” पेश किया गया, जो सैन्य विमानों और हथियार प्रणालियों के प्रमाणन के लिए कानूनी ढाँचा तैयार करेगा।
रक्षा मंत्री का देश के नाम संदेश:
“भारत एक जिम्मेदार राष्ट्र है, लेकिन हमारी संयमित नीति किसी की कमजोरी नहीं। यदि कोई हमारी सहनशीलता का गलत फायदा उठाएगा, तो उसे ‘गुणवत्ता वाली कार्रवाई’ का सामना करना पड़ेगा।”
“2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र और विश्व का सबसे बड़ा रक्षा निर्यातक बनाना हमारा लक्ष्य।”
सम्मेलन के प्रमुख परिणाम:
रक्षा उत्पादन में गुणवत्ता प्रमाणन प्रक्रियाओं को डिजिटल और सरल बनाने पर सहमति।
विस्फोटक और गोला-बारूद (E&O) के स्वदेशी विकास के लिए AI और 3D प्रिंटिंग जैसी तकनीकों के उपयोग पर जोर।
DGQA प्रमुख श्री एन. मनोहरन ने कहा: “उद्योग और सरकार के साझा प्रयासों से भारत रक्षा गुणवत्ता में वैश्विक मानक स्थापित करेगा।”
इस सम्मेलन में रक्षा मंत्रालय, DRDO, सेना प्रमुखों, DPSUs और निजी उद्योग के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
Author Profile
SHRUTI MISHRA
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