2025 में भारतीय सर्वोच्च न्यायालय का ऐतिहासिक निर्णय संपत्ति विवाद और सीमा अधिनियम पर नई रोशनी डालता है। जानें केस की पूरी कहानी, न्यायिक प्रक्रिया और इसके प्रभाव।

अपर्याप्त सबूत और विरोधाभासी गवाही: 30 साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने क्यों दी हत्या के आरोपी को राहत?

सुप्रीम कोर्ट ने 30 साल पुराने हत्या केस में आरोपी को अपर्याप्त सबूत और विरोधाभासी गवाही के आधार पर बरी किया। जानें कैसे गवाहों के बयानों में अंतर ने बदला केस का नतीजा।

2025 में भारतीय सर्वोच्च न्यायालय का ऐतिहासिक निर्णय संपत्ति विवाद और सीमा अधिनियम पर नई रोशनी डालता है। जानें केस की पूरी कहानी, न्यायिक प्रक्रिया और इसके प्रभाव।

Lost 60 Cr Rupees आत्महत्या का दुष्प्रेरण और धोखाधड़ी का आरोप: सुप्रीम कोर्ट ने क्यों किया आंशिक हस्तक्षेप?

Suicide case सुप्रीम कोर्ट ने आत्महत्या के दुष्प्रेरण और धोखाधड़ी का आरोप पर अहम फैसला सुनाया। जानें कैसे धोखाधड़ी का केस बहाल हुआ, लेकिन आत्महत्य के आरोप खारिज किए गए।

2025 में भारतीय सर्वोच्च न्यायालय का ऐतिहासिक निर्णय संपत्ति विवाद और सीमा अधिनियम पर नई रोशनी डालता है। जानें केस की पूरी कहानी, न्यायिक प्रक्रिया और इसके प्रभाव।

Landmark judgement अपमान याचिका और दिवालिया प्रक्रिया: सुप्रीम कोर्ट ने क्यों खारिज की छत्तीसगढ़ की कर मांगें?

सुप्रीम कोर्ट ने अपमान याचिका और दिवालिया प्रक्रिया के तहत राज्य कर अधिकारियों के खिलाफ आदेश दिया। जानें कैसे JSW स्टील ने अवैध कर मांगों को चुनौती दी।

2025 में भारतीय सर्वोच्च न्यायालय का ऐतिहासिक निर्णय संपत्ति विवाद और सीमा अधिनियम पर नई रोशनी डालता है। जानें केस की पूरी कहानी, न्यायिक प्रक्रिया और इसके प्रभाव।

Breakthrough breakdown of marriage अपरिवर्तनीय विवाह विच्छेद: 17 साल के अलगाव के बाद सुप्रीम कोर्ट ने क्यों दिया तलाक का आदेश?

सुप्रीम कोर्ट ने 17 साल के अलगाव के बाद अपरिवर्तनीय विवाह विच्छेद के आधार पर तलाक को मंजूरी दी और 40 लाख रुपये का स्थाई गुजारा भत्ता तय किया। जानें केस के महत्वपूर्ण पहलू।

झूठे विवाह के वादे पर बलात्कार के आरोप: सुप्रीम कोर्ट ने क्यों दी आरोपी को राहत?

false promise of marriage झूठे विवाह के वादे पर बलात्कार के आरोप: सुप्रीम कोर्ट ने क्यों दी आरोपी को राहत?

सुप्रीम कोर्ट ने 16 साल के सहमतिपूर्ण संबंधों के आधार पर झूठे विवाह के वादे पर लगे बलात्कार के आरोपों को खारिज कर दिया। जानें क्यों माना गया कि यह केस कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है।

2025 में भारतीय सर्वोच्च न्यायालय का ऐतिहासिक निर्णय संपत्ति विवाद और सीमा अधिनियम पर नई रोशनी डालता है। जानें केस की पूरी कहानी, न्यायिक प्रक्रिया और इसके प्रभाव।

हाउसिंग विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने घटाया मुआवजा, 9% ब्याज दर बरकरार

नागपुर हाउसिंग विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने MHADA के खिलाफ दिए गए 15% ब्याज को घटाकर 9% कर दिया। जानें कैसे 14 साल के केस ने उपभोक्ता अधिकारों को दिया नया आयाम।

2025 में भारतीय सर्वोच्च न्यायालय का ऐतिहासिक निर्णय संपत्ति विवाद और सीमा अधिनियम पर नई रोशनी डालता है। जानें केस की पूरी कहानी, न्यायिक प्रक्रिया और इसके प्रभाव।

भ्रष्टाचार मामला: सुप्रीम कोर्ट ने बहाल की ट्रायल, सरकारी अधिकारी पर असंगत संपत्ति का आरोप

भ्रष्टाचार मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी अधिकारी के खिलाफ असंगत संपत्ति के आरोपों को बहाल किया। जानें कैसे हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल जारी रखने का आदेश दिया।

2025 में भारतीय सर्वोच्च न्यायालय का ऐतिहासिक निर्णय संपत्ति विवाद और सीमा अधिनियम पर नई रोशनी डालता है। जानें केस की पूरी कहानी, न्यायिक प्रक्रिया और इसके प्रभाव।

संपत्ति स्वामित्व विवाद: 96 साल पुराने मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिया अंतिम फैसला

मद्रास के एक पुराने संपत्ति स्वामित्व विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने 96 साल बाद फैसला सुनाया। जानें कैसे वसीयत, कोर्ट नीलामी और ट्रस्ट ने बदला केस का नतीजा।

2025 में भारतीय सर्वोच्च न्यायालय का ऐतिहासिक निर्णय संपत्ति विवाद और सीमा अधिनियम पर नई रोशनी डालता है। जानें केस की पूरी कहानी, न्यायिक प्रक्रिया और इसके प्रभाव।

गुजरात जमीन अधिग्रहण मुआवजा मामला: सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ाया मुआवजा, 95 रुपये प्रति वर्ग मीटर का फैसला

गुजरात के रणोली गांव में जमीन अधिग्रहण मुआवजा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मुआवजा दर 30 से बढ़ाकर 95 रुपये प्रति वर्ग मीटर किया। जानें कैसे पेट्रोल पंप प्लॉट और विकास लागत ने बदला केस।

2025 में भारतीय सर्वोच्च न्यायालय का ऐतिहासिक निर्णय संपत्ति विवाद और सीमा अधिनियम पर नई रोशनी डालता है। जानें केस की पूरी कहानी, न्यायिक प्रक्रिया और इसके प्रभाव।

सड़क क्रोध मामला में सुप्रीम कोर्ट ने बदला फैसला: धारा 302 से धारा 304 IPC तक का सफर

 सड़क क्रोध मामला में सुप्रीम कोर्ट ने रविंदर कुमार की सजा को धारा 302 से घटाकर धारा 304 IPC कर दिया। जानें कैसे एक झगड़े ने बदल दी मामले की दिशा।