विश्व पर्यावरण दिवस 2025 की तैयारी: दिल्ली चिड़ियाघर में शुरू हुआ दो सप्ताह का ग्रीष्मकालीन कार्यक्रम
एक विशेष दो सप्ताह के ग्रीष्मकालीन कार्यक्रम का आगाज़ हुआ। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय (एनएमएनएच) और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-इंडिया के सहयोग से 22 मई से 4 जून 2025 तक आयोजित किया जा रहा है
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पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के ‘मिशन लाइफ’ जन जागरूकता अभियान के तहत विश्व पर्यावरण दिवस 2025 के उपलक्ष्य में दिल्ली के राष्ट्रीय प्राणी उद्यान (एनजेडपी) में एक विशेष दो सप्ताह के ग्रीष्मकालीन कार्यक्रम का आगाज़ हुआ। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय (एनएमएनएच) और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-इंडिया के सहयोग से 22 मई से 4 जून 2025 तक आयोजित किया जा रहा है। इसका थीम “वैश्विक प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करना” है, जो इस वर्ष के विश्व पर्यावरण दिवस की मुख्य संदर्शिका भी है।
कार्यक्रम का उद्देश्य और मुख्य आकर्षण
इस अभियान में दिल्ली-एनसीआर के 240 छात्र-छात्राएं भाग ले रहे हैं, जिन्हें पर्यावरण संरक्षण और स्थिरता के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए कई इंटरैक्टिव गतिविधियों में शामिल किया गया है। इनमें शामिल हैं:
स्लोगन लेखन, पेंटिंग और मास्क निर्माण
कहानी कहने की कला और मिट्टी के मॉडल बनाना
कचरा पृथक्करण पर हाथों-हाथ कार्यशाला
पर्यावरण विषयक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता
कार्यक्रम के अंतिम दिन 5 जून को चिड़ियाघर परिसर में छात्रों द्वारा बनाए गए चित्रों, मॉडलों और शिल्प कृतियों की एक प्रदर्शनी लगाई जाएगी। साथ ही, प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन पर स्वच्छता अभियान और वृक्षारोपण कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा, जिसमें छात्रों के साथ चिड़ियाघर के कर्मचारी और आगंतुक भी हिस्सा लेंगे।
उद्घाटन समारोह की झलकियाँ
कार्यक्रम के पहले दिन छात्रों ने राष्ट्रीय प्राणी उद्यान के निदेशक डॉ. संजीत कुमार (आईएफएस) और एनएमएनएच की निदेशक श्रीमती नाज़ रिजवी के साथ पर्यावरण संरक्षण पर चर्चा की। इस दौरान अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के मौके पर भारत की प्राकृतिक विरासत को समर्पित एक लघु फिल्म भी दिखाई गई। छात्रों ने चिड़ियाघर के शाकाहारी प्राणी अनुभाग का गाइडेड टूर भी लिया, जिससे उन्हें वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों की गहन जानकारी मिली।
युवाओं को समर्पित स्थिरता का संदेश
डॉ. संजीत कुमार ने बताया कि यह कार्यक्रम युवा पीढ़ी को “पर्यावरण चैंपियन” बनने के लिए प्रेरित करेगा। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य छात्रों को जैव विविधता और प्लास्टिक मुक्त दुनिया के महत्व से जोड़ना है। यही नहीं, यह पहल भारत के सतत विकास लक्ष्यों में योगदान देगी।”
श्रीमती रिजवी ने जोर देते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों से बच्चों में वैज्ञानिक समझ और रचनात्मकता विकसित होती है।
आगे की राह
4 जून तक चलने वाले इस कार्यक्रम में हर दिन नई गतिविधियों के माध्यम से छात्रों को प्रकृति के करीब लाने का प्रयास किया जाएगा। 5 जून को आयोजित होने वाले समापन समारोह में प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र और पुरस्कार वितरित किए जाएंगे।
इस पहल से न केवल युवाओं में पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ेगी, बल्कि मिशन लाइफ के तहत सरकार द्वारा प्रदूषण मुक्त भविष्य की दिशा में एक और कदम भी साकार होगा।
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SHRUTI MISHRA
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