SDM MEGHNAGAR KO FATKAAR COLLECTOR JHABUA KO DIYA ADESH ANUMATI DENE KE LIYA
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में एक महत्वपूर्ण मामला सुनवाई करते हुआ न्यायमूर्ति सुबोध अभ्यंकर , जिसमें विजय कटारा ने प्रधान सचिव और अन्य के खिलाफ याचिका दायर की थी । यह मामला 1 जनवरी 2025 को न्यायमूर्ति सुबोध अभ्यंकर के समक्ष सुनवाई के लिए आया । याचिका संख्या 41978/2024 के तहत…
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मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में एक महत्वपूर्ण मामला सुनवाई करते हुआ न्यायमूर्ति सुबोध अभ्यंकर , जिसमें विजय कटारा ने प्रधान सचिव और अन्य के खिलाफ याचिका दायर की थी । यह मामला 1 जनवरी 2025 को न्यायमूर्ति सुबोध अभ्यंकर के समक्ष सुनवाई के लिए आया । याचिका संख्या 41978/2024 के तहत यह मामला मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के इंदौर खंडपीठ में सुनवाई के लिए आया था।
इस मामले में विजय कटारा ने नयायलय से ये नये की गुहार की जिसमे उन्होंने कहा की वो ईसाई धरम अन्याई है ।एवं वो ईसाई नव वर्ष मानाने की अनुमति उनोहने SDM को आवेदन किया था जो की SDM दवारा अनुमति दे दी गए 19 /12 /2024 कुछ शर्तो के साथ परन्तु उनकीये अनुमति SDM मेघनगर द्वारा 28 -12 -2024 अनुमति निरस्त के दी गइ।
रिकॉर्ड से यह स्पष्ट है कि याचिकाकर्ता मेघनगर झाबुआ का निवासी पिछले कई वर्षों से अधिक समय से इस तरह का कार्यक्रम आयोजित कर रहा है , जो रिकार्ड में दाखिल दस्तावेजों आदि से भी स्पष्ट है , केवल किसी की आपत्ति के आधार पर उठाई गई कुछ आपत्तियों के आधार पर एक समुदाय के सदस्य को वंचित नहीं किया जा सकता उसके धरम व आस्था को पालन करने से , याचिकाकर्ता को इकट्ठा होने का अधिकार और संविधान की धारा 25 के तहत गारंटी के अनुसार अपने धर्म के अनुसार प्रार्थना कर सकते है। ये अधिकार छीना नहीं जा सकता. यह भी स्पष्ट है कि एस.डी.एम. अस्वीकार कर दिया है के सदस्य के पूछने पर ही अनुमति दिनांक 19.12.2024 दूसरे समुदाय को, सुनवाई का कोई अवसर दिए बिना याचिकाकर्ता को मौका दिया। अनुमति निरस्त करना अनुचित है। . इस प्रकार याचिकाकर्ता को भी उससे वंचित कर दिया गया है। किसी प्रतिकूल आदेश पारित करने से पहले सुनवाई का मूल्यवान अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है। कलेक्टर झाबुआ कोआदेशित किया न्यायमूर्ति सुबोध अभ्यंकर ने की याचिका करता को अनुमति प्रदान किया जाये।
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SHRUTI MISHRA
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