bombay high court

अदालत: बॉम्बे उच्च न्यायालय, नागपुर पीठ
न्यायाधीश: न्यायमूर्ति अविनाश जी. घारोटे एवं अभय जे. मांत्री

  • मामला संख्या: WP No.5274 of 2021

  • याचिकाकर्ता: विजय खोब्रागड़े समेत 4 कर्मचारी

  • प्रतिवादी: नागपुर नगर निगम

  • मुख्य मुद्दा: समयबद्ध पदोन्नति में ग्रेड पे ₹2800 के बजाय ₹2400 का विवाद


मामले का सारांश

बॉम्बे उच्च न्यायालय ने नागपुर नगर निगम के चार पूर्व “हाइड्रेंट मिस्त्री” कर्मचारियों की याचिका खारिज कर दी, जो ग्रेड पे ₹2800 के बजाय ₹2400 मिलने पर चुनौती दे रहे थे। कोर्ट ने कहा कि निगम की अवशोषण नीति (Absorption Policy) और स्थापना अनुसूची (Establishment Schedule) के अनुसार ग्रेड पे का निर्धारण सही है।


प्रमुख बिंदे:

  1. पृष्ठभूमि:

    • याचिकाकर्ताओं को 2004 में “हाइड्रेंट मिस्त्री” पद पर नियुक्त किया गया था।

    • 2015 में निगम ने इस पद को खत्म करते हुए उन्हें लाइब्रेरी सहायक और टैक्स कलेक्टर के पदों पर अवशोषित किया।

    • 2018 में समयबद्ध पदोन्नति देकर उनका ग्रेड पे ₹1900 से बढ़ाकर ₹2400 कर दिया गया।

  2. याचिकाकर्ताओं का दावा:

    • “हाइड्रेंट मिस्त्री” का अगला पद सीनियर लीडिंग फायरमैन होता है, जिसका ग्रेड पे ₹2800 है।

    • निगम ने गलत पद (लीडिंग फायरमैन) को आधार बनाकर ₹2400 ग्रेड पे दिया, जो अवैध है।

  3. निगम का पक्ष:

    • अवशोषण के समय याचिकाकर्ताओं का वेतनमान संरक्षित (Pay Protection) किया गया।

    • नए पदों (लाइब्रेरी सहायक/टैक्स कलेक्टर) में अगली पदोन्नति का ग्रेड पे ₹2400 ही है।


न्यायालय का निर्णय:

  1. स्थापना अनुसूची का विश्लेषण:

    • “हाइड्रेंट मिस्त्री” का अगला पद लीडिंग फायरमैन (ग्रेड पे ₹2400) है, न कि सीनियर लीडिंग फायरमैन (₹2800)।

    • याचिकाकर्ताओं ने 2015 के अवशोषण आदेश को चुनौती नहीं दी, इसलिए नए पदों के नियम लागू।

  2. समयबद्ध पदोन्नति का सिद्धांत:

    • “अवशोषण के बाद कर्मचारी नए विभाग के पदानुक्रम के हकदार होते हैं, पुराने विभाग के नहीं।”

    • लाइब्रेरी सहायक का अगला पद सहायक लाइब्रेरियन (₹2400) और टैक्स कलेक्टर का जूनियर टैक्स कलेक्टर (₹2400) ही है।

  3. न्यायमूर्ति अभय मांत्री की टिप्पणी:
    “याचिकाकर्ताओं ने अपने नए पदों की वरिष्ठता या पदानुक्रम को चुनौती नहीं दी। अवशोषण के समय स्वीकृत शर्तों के आधार पर ग्रेड पे का निर्धारण उचित है।”


विशेषज्ञ विश्लेषण:

  • डॉ. राजीव मेश्राम (श्रम कानून विशेषज्ञ):
    “यह फैसला सरकारी नौकरियों में अवशोषण नीतियों की स्पष्टता को रेखांकित करता है। कर्मचारी पद परिवर्तन के बाद नए विभाग के पदोन्नति नियमों से बंधे होते हैं।”


भविष्य की कार्रवाई:

  • याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकते हैं, लेकिन न्यायालय ने स्पष्ट किया कि स्थापना अनुसूची और अवशोषण आदेश में कोई विसंगति नहीं है।


(यह खबर अदालती दस्तावेज़ों पर आधारित है। किसी भी त्रुटि की सूचना हमें तुरंत दें।)


रिपोर्ट: न्यायिक आदेश एवं विशेषज्ञ टिप्पणियों के आधार पर
स्रोत: बॉम्बे उच्च न्यायालय, नागपुर पीठ का आदेश (WP No.5274 of 2021)


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs):

  1. समयबद्ध पदोन्नति (Time-Bound Promotion) क्या है?

    • यह एक नीति है जिसमें कर्मचारी को निश्चित वर्षों की सेवा के आधार पर स्वतः पदोन्नति दी जाती है, चाहे रिक्ति हो या न हो।

  2. ग्रेड पे (Grade Pay) क्यों महत्वपूर्ण है?

    • यह वेतनमान का वह हिस्सा है जो पद की वरिष्ठता और जिम्मेदारियों को दर्शाता है। इसमें वृद्धि से पेंशन और भत्ते भी बढ़ते हैं।

  3. अवशोषण नीति में वेतन संरक्षण क्या होता है?

    • पद समाप्ति के बाद कर्मचारी को नए पद पर उसके पुराने वेतनमान के बराबर वेतन दिया जाता है, भले ही नया पद कनिष्ठ हो।

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