दिल्ली-नोएडा डायरेक्ट फ्लाईवे (DND फ्लाईवे) पर टोल वसूली बंद करने का सुप्रीम कोर्ट का फैसला delhi noida direct flyway
नोएडा टोल ब्रिज कंपनी लिमिटेड (NTBCL) द्वारा दिल्ली-नोएडा डायरेक्ट फ्लाईवे (DND फ्लाईवे) पर टोल वसूली delhi noida direct flyway दिल्ली-नोएडा डायरेक्ट फ्लाईवे (DND फ्लाईवे) पर टोल वसूली बंद करने पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला (delhi noida direct flyway) नई दिल्ली:नोएडा टोल ब्रिज कंपनी लिमिटेड (NTBCL) कंपनी के द्वारा दिल्ली-नोएडा डायरेक्ट फ्लाईवे (DND फ्लाईवे) पर टोल…
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नोएडा टोल ब्रिज कंपनी लिमिटेड (NTBCL) द्वारा दिल्ली-नोएडा डायरेक्ट फ्लाईवे (DND फ्लाईवे) पर टोल वसूली delhi noida direct flyway
दिल्ली-नोएडा डायरेक्ट फ्लाईवे (DND फ्लाईवे) पर टोल वसूली बंद करने पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला (delhi noida direct flyway)
नई दिल्ली:नोएडा टोल ब्रिज कंपनी लिमिटेड (NTBCL) कंपनी के द्वारा दिल्ली-नोएडा डायरेक्ट फ्लाईवे (DND फ्लाईवे) पर टोल वसूली को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली अपील को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के 26 अक्टूबर 2016 के फैसले को सही ठहराते हुए NTBCL को commuters (यात्रियों) से टोल वसूली बंद करने का निर्देश दिया।
मामले की पृष्ठभूमि:
NTBCL ने 12 नवंबर 1997 को नोएडा प्राधिकरण और इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (IL&FS) के साथ एक “कंसेशन एग्रीमेंट” पर हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते के तहत NTBCL को DND फ्लाईवे परियोजना के निर्माण, संचालन और टोल वसूली का अधिकार दिया गया था।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने फैसले में NTBCL द्वारा टोल वसूली को अनुचित करार देते हुए इसे संविधान के अनुच्छेद 13 और 14 का उल्लंघन बताया। हाई कोर्ट ने NTBCL को टोल वसूली तुरंत बंद करने का आदेश दिया था, जिसे NTBCL ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
सुप्रीम कोर्ट का निर्णय: सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए NTBCL की अपील खारिज कर दी। कोर्ट ने अपने फैसले में निम्नलिखित महत्वपूर्ण बिंदु रखे:
जनहित याचिका सही पाई गयी। हाई कोर्ट में दाखिल जनहित याचिका पूरी तरह वैध थी, और इसे सुनवाई के लिए स्वीकार करना उचित था।
समय पर याचिका दाखिल की गयी जिसे हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करने में कोई देरी या लापरवाही नहीं हुई।
अनुचित समझौता किया गया था। NTBCL को दिए गए कंसेशन एग्रीमेंट को अनुचित और संविधान के सिद्धांतों के खिलाफ पाया गया। नोएडा प्राधिकरण की गलती आम नागरिको को भुगतना पड़े रहा नोएडा प्राधिकरण की गलत कांटेक्ट की वजह से टोल वसूली का अधिकार NTBCL को सौंपकर अपनी सीमाओं का उल्लंघन किया।
पब्लिक पॉलिसी का उल्लंघन कंसेशन एग्रीमेंट का अनुच्छेद 14 और अनुछेद 13 का उलंघन है। इसकी शुल्क निर्धारण प्रक्रिया सार्वजनिक नीति के खिलाफ है।
लाभ और लागत वसूली: NTBCL ने परियोजना लागत और पर्याप्त लाभ पहले ही वसूल लिए हैं, इसलिए टोल वसूली का कोई औचित्य नहीं बचा है। इस लिया (MOU ) अग्रीमेंट निरस्त किया जाता है
अन्य मुद्दे नोएडा और NTBCL के बीच बाहरी लाइसेंस शुल्क का मुद्दा इस मामले के दायरे में नहीं आता।
अन्य याचिकाओं पर विचार अलग से होगा:
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि NTBCL और नोएडा प्राधिकरण के बीच चल रहे मध्यस्थता (arbitration) मामले पर अलग से सुनवाई की जाएगी।
इस फैसले के बाद DND फ्लाईवे पर यात्रा करने वाले यात्रियों को अब टोल नहीं देना होगा। सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय संविधान के सिद्धांतों और सार्वजनिक नीति की रक्षा की दिशा में एक बड़ा कदम है।सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ तौर पे कहा ये आदेश सिर्फ दिल्ली नॉएडा डायरेक्ट फ्लाईओवर के अग्ग्रेमेन्ट पे लागु होगा अन्य मामलो में अलग से सुनवाई होगी और अलग आदेश पारित किया जायेगा आदेश। उनके गुण दोसो पर पूर्ण विचार करने के बाद सभी तथ्यों की तुलना करने पे आदेश दिया जायेगा इस आदेश दिल्ली की जनता ने राहत की सांस ली।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा की सार्वजानिक हितके मुदो को तुरंत निपटान किया जाना चाहिए।
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SHRUTI MISHRA
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