सर्वोच्च न्यायालय ने तलाक के बाद दर्ज दहेज मामले को “प्रतिशोधात्मक” बताया, FIR खारिज की
सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले ने “तलाक के बाद दहेज और प्रताड़ना के झूठे मामलों” पर अंकुश लगाने का ऐतिहासिक कदम उठाया है। अदालत ने स्पष्ट किया कि “कानूनी प्रक्रिया को व्यक्तिगत प्रतिशोध का औजार नहीं बनाया जा सकता।” यह फैसला उन हज़ारों लोगों के लिए राहत है जो झूठे आरोपों से जूझ रहे हैं।