supreme court of india सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवाई : एक प्रेरणादायक न्यायिक यात्रा

न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवाई जन्म: 24 नवंबर 1960 (अमरावती)कार्यकाल: सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश (24 मई 2019 से)सेवानिवृत्ति तिथि: 23 नवंबर 2025 परिचय न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवाई की कहानी एक प्रेरणा है – अमरावती में जन्मे एक मध्यम वर्गीय परिवार से लेकर भारत के सुप्रीम कोर्ट तक का उनका सफर, जो कानून के प्रति उनकी अटूट…

न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवाई

जन्म: 24 नवंबर 1960 (अमरावती)
कार्यकाल: सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश (24 मई 2019 से)
सेवानिवृत्ति तिथि: 23 नवंबर 2025


परिचय

न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवाई की कहानी एक प्रेरणा है – अमरावती में जन्मे एक मध्यम वर्गीय परिवार से लेकर भारत के सुप्रीम कोर्ट तक का उनका सफर, जो कानून के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता और कड़ी मेहनत का प्रतिफल है। इस लेख में हम उनके करियर के महत्वपूर्ण पड़ावों, वकालत से न्यायिक सेवा में उनके योगदान, और सुप्रीम कोर्ट में उनके उन्नयन की कहानी को विस्तार से प्रस्तुत कर रहे हैं।


प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

जन्म एवं पारिवारिक पृष्ठभूमि:
भूषण रामकृष्ण गवाई का जन्म 24 नवंबर 1960 को अमरावती में हुआ। एक साधारण मध्यम वर्गीय परिवार में पले-बढ़े, जिन्होंने शुरुआती जीवन में ही कड़ी मेहनत और लगन का पाठ पढ़ा।

शैक्षिक उपलब्धियाँ:

  • 1981: Government Post Graduate College, अमरावती से स्नातक
  • 1984: महारishi Dayanand University, रोहतक से कानून में स्नातक (Bachelor’s degree in Law)

वकालत में प्रवेश और प्रारंभिक करियर

वकालत की शुरुआत:
16 मार्च 1985 को बार में प्रवेश करने के पश्चात, उन्होंने 1985 में अमरावती के जिला न्यायालय से अपना वकालत कार्य प्रारंभ किया।
प्रारंभिक अनुभव:

  • 1985 के बाद, उन्होंने मुंबई के Bombay High Court में भी अपना अभ्यास किया और 1987 तक, प्रतिष्ठित वकील, स्वर्गीय बार. राजा एस. भोंसाले के साथ काम किया।
  • 1987 से 1990 तक, उन्होंने स्वतंत्र रूप से Bombay High Court में वकालत की, और 1990 के बाद मुख्यतः नागपुर बेंच में कार्य किया।

कानूनी विशेषज्ञता और प्रमुख योगदान

विशेषज्ञता के क्षेत्र:
न्यायमूर्ति गवाई ने विशेष रूप से संवैधानिक कानून और प्रशासनिक कानून में विशेषज्ञता हासिल की।
महत्वपूर्ण भूमिका:

  • उन्होंने नागपुर नगर निगम, अमरावती नगर निगम, और अमरावती विश्वविद्यालय के लिए स्थायी अधिवक्ता के रूप में कार्य किया।
  • विभिन्न स्वायत्त निकायों, निगमों (जैसे SICOM, DCVL) और विदर्भ क्षेत्र के नगर परिषदों का प्रतिनिधित्व किया।

सरकारी पद:

  • अगस्त 1992 से जुलाई 1993 तक, उन्होंने Bombay High Court के नागपुर बेंच में Assistant Government Pleader और Additional Public Prosecutor के रूप में सेवा की।
  • 17 जनवरी 2000 को, उन्हें नागपुर बेंच के Government Pleader और Public Prosecutor के रूप में नियुक्त किया गया।

उच्च न्यायालय में न्यायिक सेवा

न्यायिक उन्नयन:

  • 14 नवंबर 2003 को, उन्हें Bombay High Court में Additional Judge के रूप में पदोन्नत किया गया।
  • 12 नवंबर 2005 को, उन्हें Bombay High Court का स्थायी न्यायाधीश बनाया गया।

कार्यभार:
न्यायमूर्ति गवाई ने मुंबई के प्रधान सत्र के साथ-साथ नागपुर, औरुरंगाबाद तथा पणाजी के बेंचों में विभिन्न प्रकार के मामलों की सुनवाई की। उनके न्यायिक फैसलों में संवैधानिक सिद्धांतों और प्रशासनिक कानून के गहरे ज्ञान का परिचय मिलता है।


सुप्रीम कोर्ट में उन्नयन और वर्तमान स्थिति

सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति:
24 मई 2019 को, उन्हें भारत के सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में उन्नत किया गया।
वर्तमान पद:
सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश के रूप में कार्य करते हुए, उन्होंने देश के प्रमुख मामलों में न्याय के नए आयाम स्थापित किए हैं।
आगामी सेवानिवृत्ति:
उनकी नियोजित सेवानिवृत्ति 23 नवंबर 2025 को होगी, परन्तु उनके द्वारा स्थापित मानदंड और सुधार भारतीय न्यायिक प्रणाली में दीर्घकालिक प्रभाव छोड़ेंगे।


निष्कर्ष

न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवाई का सफर एक प्रेरणादायक कहानी है – एक मध्यम वर्गीय परिवार से निकलकर, वकालत, प्रशासनिक सेवा और उच्च न्यायालय के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट तक का यह मार्गदर्शक अनुभव भारतीय न्यायपालिका में उत्कृष्टता का प्रतीक है। उनके योगदान ने संवैधानिक और प्रशासनिक कानून के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छुआ है, और उनके फैसले आने वाले समय में भी न्यायिक सुधारों में मार्गदर्शक सिद्ध होंगे।


#न्यायमूर्ति_भूषण_गवाई, #सुप्रीमकोर्ट, #न्यायिकयात्रा, #LegalNews, #भारत

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *