बड़ी खबर: जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई ने ली सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर शपथ | बने देश के 52वें CJI

बड़ी खबर: जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई ने ली सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर शपथ | बने देश के 52वें CJI

Home राष्ट्रपति ने 24 मई 2025 को जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवाई को भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India – CJI) के रूप में शपथ दिलाई। न्यायपालिका में उनकी लंबी यात्रा और योगदान ने उन्हें सर्वोच्च न्यायालय की बागडोर सौंपने लायक सिद्ध किया है। 1. प्रारंभिक जीवन और शिक्षा जन्म: 24 नवंबर 1960,…

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राष्ट्रपति ने 24 मई 2025 को जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवाई को भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India – CJI) के रूप में शपथ दिलाई। न्यायपालिका में उनकी लंबी यात्रा और योगदान ने उन्हें सर्वोच्च न्यायालय की बागडोर सौंपने लायक सिद्ध किया है।

1. प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

  • जन्म: 24 नवंबर 1960, अमरावती (महाराष्ट्र)

  • बार में प्रवेश: 16 मार्च 1985

  • प्रारंभ में उन्होंने पूर्व Advocate General एवं हाई कोर्ट के जज राजा एस. भोसले के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण ग्रहण किया।

2. वकालत का सफर

2.1 बॉम्बे हाई कोर्ट (1987–1990)

1987 से 1990 तक जस्टिस गवाई ने बॉम्बे हाई कोर्ट की मुख्य बेंच में स्वतंत्र रूप से वकालत की और संवैधानिक एवं प्रशासनिक कानून में विशेष महारत हासिल की।

2.2 नागपुर बेंच में प्रैक्टिस (1990 के बाद)

1990 के बाद उन्होंने मुख्यतः नागपुर बेंच में प्रैक्टिस की, जहाँ वे नगर निगम (नागपुर, अमरावती), विश्वविद्यालय (अमरावती यूनिवर्सिटी) और विभिन्न स्वायत्त संस्थाओं के स्थायी वकील (Standing Counsel) रहे।

3. सरकारी अधिवक्ता से न्यायाधीश तक

  • सहायक सरकारी अधिवक्ता एवं अतिरिक्त लोक अभियोजक (अगस्ता 1992 – जुलाई 1993)

  • सरकारी अधिवक्ता एवं लोक अभियोजक (नागपुर बेंच) – नियुक्ति: 17 जनवरी 2000

  • अतिरिक्त न्यायाधीश, बॉम्बे हाई कोर्टपदोन्नति: 14 नवंबर 2003

  • स्थायी न्यायाधीश, बॉम्बे हाई कोर्ट12 नवंबर 2005

4. सुप्रीम कोर्ट में सेवा

  • उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश24 मई 2019 से अब तक

  • पिछले छह वर्षों में लगभग 700 बेंचों में उन्होंने संविधान, प्रशासनिक, दीवानी, आपराधिक, वाणिज्यिक, मध्यस्थता, पर्यावरण सहित विविध विषयों पर न्याय किया।

  • 300 से अधिक महत्वपूर्ण निर्णयों के लेखक, जिनमें कई संविधान पीठ के ऐतिहासिक निर्णय शामिल हैं।

5. अंतरराष्ट्रीय मान्यता और व्याख्यान

  • प्रतिनिधि सम्मेलन: उलानबातर (मंगोलिया), न्यूयॉर्क (यू.एस.ए), कार्डिफ़ (यू.के), नैरोबी (केन्या)

  • व्याख्याता: कोलंबिया यूनिवर्सिटी, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी सहित अन्य प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में संवैधानिक एवं पर्यावरणीय मुद्दों पर व्याख्यान

6. मुख्य न्यायाधीश बनना: महत्व

जस्टिस गवाई दलित समुदाय से होने वाले पहले CJI हैं, जो न्यायपालिका में सामाजिक न्याय और समावेशिता के नए युग का मार्गदर्शन करेंगे। उनका चयन केवल उनके व्यक्तिगत संघर्ष और क्षमताओं का परिणाम है, बल्कि यह भारतीय संवैधानिक मूल्य एवं मानवाधिकारों की रक्षा के प्रति न्यायपालिका की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।

7. देखरेख और सेवानिवृत्ति

  • मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यकाल: 24 मई 2019 – 23 नवंबर 2025

  • सेवानिवृत्ति: 23 नवंबर 2025 को, पूर्णतः 65 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर


निष्कर्ष
जस्टिस बी.आर. गवाई का मुख्य न्यायाधीश बनना भारतीय न्यायपालिका के लिए गौरव का क्षण है। उनकी न्यायिक बुद्धिमत्ता, संवैधानिक समझ और मानवाधिकारों के प्रति निष्ठा का देश-दुनिया में सम्मान है। आने वाले वर्षों में वे भारतीय लोकतंत्र और न्याय वितरण व्यवस्था को नए मानदंडों पर स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

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