bombay high court

नागपुर नगर निगम के पूर्व हाइड्रेंट मिस्त्रियों की वेतनमान मांग खारिट, बॉम्बे HC ने कहा- “अवशोषण नीति के अनुसार ग्रेड पे सही”

अदालत: बॉम्बे उच्च न्यायालय, नागपुर पीठन्यायाधीश: न्यायमूर्ति अविनाश जी. घारोटे एवं अभय जे. मांत्री मामला संख्या: WP No.5274 of 2021 याचिकाकर्ता: विजय खोब्रागड़े समेत 4 कर्मचारी प्रतिवादी: नागपुर नगर निगम मुख्य मुद्दा: समयबद्ध पदोन्नति में ग्रेड पे ₹2800 के बजाय ₹2400 का विवाद मामले का सारांश बॉम्बे उच्च न्यायालय ने नागपुर नगर निगम के चार पूर्व “हाइड्रेंट मिस्त्री” कर्मचारियों की याचिका खारिज कर…

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बॉम्बे HC ने NAFED और रोज एंटरप्राइजेज के ₹339 करोड़ विवाद में फैसला पलटा, नई सुनवाई का आदेश

अदालत: बॉम्बे उच्च न्यायालयन्यायाधीश: न्यायमूर्ति ए.एस. चंदूरकर और राजेश पाटिल   मामला संख्या: COMMERCIAL ARBITRATION APPEAL NO.15 OF 2024 पक्ष: NAFED (नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन) बनाम रोज एंटरप्राइजेज (P) लिमिटेड मुख्य धाराएँ: आर्बिट्रेशन एंड कंसिलिएशन एक्ट, 1996 की धारा 34 और 37 मुआवजा राशि: ₹33.97 करोड़ (पुरस्कार के तहत) मामले का सारांश बॉम्बे उच्च न्यायालय ने NAFED और रोज एंटरप्राइजेज (REPL) के…

डार्क नेट ड्रग केस में श्रद्धा सुराना को दिल्ली HC ने जमानत दी, कहा- “बिना सबूत के 3 साल जेल अन्याय”

डार्क नेट ड्रग केस में श्रद्धा सुराना को दिल्ली HC ने जमानत दी, कहा- “बिना सबूत के 3 साल जेल अन्याय”

अदालत: दिल्ली उच्च न्यायालयन्यायाधीश: माननीय न्यायमूर्ति अमित महाजन मेटा डेटा याचिकाकर्ता: श्रद्धा सुराना प्रतिवादी: नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) कानूनी धाराएँ: NDPS अधिनियम की धारा 8(c)/20/22/29 जमानत शर्त: ₹50,000 का पर्सनल बॉन्ड + दो जमानती मामले का सारांश दिल्ली उच्च न्यायालय ने डार्क नेट और टेलीग्राम के जरिए अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी के आरोप में 2 साल 8 महीने से जेल में बंद श्रद्धा सुराना को जमानत दे दी।…

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गोरखपुर हत्याकांड मामले में 7 साल 9 महीने जेल में रहने के बाद सर्वजीत सिंह को उच्च न्यायालय ने जमानत दी

अदालत: इलाहाबाद उच्च न्यायालयन्यायाधीश: माननीय न्यायमूर्ति कृष्ण पहल याचिकाकर्ता: सर्वजीत सिंह प्रतिवादी: उत्तर प्रदेश राज्य याचिकाकर्ता के वकील: श्री मयंक मोहन दत्त मिश्रा, श्री सुधांशु पांडेय प्रतिवादी के वकील: श्री सुनील कुमार, लर्न्ड एजीए मामले का सारांश इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गोरखपुर के जनगाहा थाने (क्राइम नंबर-156/2017) में आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 307 (हत्या का प्रयास) के आरोपी सर्वजीत सिंह को 7 साल 9 महीने की जेल…

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उच्च न्यायालय ने SARFAESI नियमों के तहत नीलामी राशि के भुगतान में विस्तार की मांग वाली याचिका खारिज की

इलाहाबाद उच्च न्यायालय, लखनऊ पीठन्यायाधीश: माननीय न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा एवं डॉ. योगेंद्र कुमार श्रीवास्तव याचिकाकर्ता: अनिल पाठक एवं अन्य प्रतिवादी: उत्तर प्रदेश राज्य एवं 4 अन्य याचिकाकर्ता के वकील: श्री बृजेश कुमार केशरवानी, सुश्री ममता सिंह प्रतिवादी के वकील: एएसजीआई, श्री अनूप तिवारी, सीएससी, श्री कृष्ण मोहन अस्ताना मामले का सारांश: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने SARFAESI अधिनियम, 2002 के तहत…

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सुप्रीम कोर्ट ने असम सरकार को दी हरी झंडी: 2016 के वन कांस्टेबल भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने का फैसला वैध

सुप्रीम कोर्ट ने असम सरकार को 2016 की भर्ती प्रक्रिया रद्द करने की अनुमति दी। जानें कैसे आरक्षण नीति उल्लंघन और जिलेवार पक्षपात ने फैसले को प्रभावित किया।

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सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की नाज़ुल भूमि विवाद में DDA की अपील खारिज की: “नीलामी खरीदार को केवल मूल पट्टाधारक के अधिकार मिले”

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के नजफगढ़ रोड नाज़ुल भूमि (सरकारी भूमि) के स्वामित्व विवाद में दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) की अपील खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि एस.जी.जी. टावर्स प्राइवेट लिमिटेड को 2000 की नीलामी में केवल मूल पट्टाधारक एम/एस मेहता कंस्ट्रक्शन के अधिकार ही प्राप्त हुए हैं,

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सुप्रीम कोर्ट ने पुणे की दुर्घटना मामले में आरोपियों को मुक्त किया: “कार्यस्थल सुरक्षा का अभाव अपराध नहीं, दुर्घटना थी”

सुप्रीम कोर्ट ने पुणे में दो कर्मचारियों की मौत के मामले में आरोपियों को बरी किया। जानें क्यों “लापरवाही” और “जानबूझकर जोखिम” में अंतर ने फैसले को प्रभावित किया।

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सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान भ्रष्टाचार मामले में एसीबी ट्रैप को खारिज करते हुए अधिकारियों को दी मुक्ति

सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान के जिला आपूर्ति विभाग के अधिकारियों को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (धारा 7 और 13) के तहत रिश्वत के आरोप से बरी किया। जानें क्यों शिकायतकर्ता के बयान में विसंगतियों और स्वतंत्र गवाहों के खंडन ने फैसले को प्रभावित किया।

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सुप्रीम कोर्ट ने पिता के खिलाफ बाल यौन शोषण मामले में सजा संशोधित की | भारतीय न्याय प्रणाली का ऐतिहासिक फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने यौन शोषण के एक संवेदनशील मामले में सजा को संशोधित करते हुए कहा कि ‘जीवन कारावास’ का अर्थ प्राकृतिक जीवन नहीं, बल्कि 30 वर्ष की सजा होगी।