न्यायमूर्ति संजीव खन्ना: भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश की न्यायिक यात्रा

supreme court of india सुप्रीम कोर्ट

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना

जन्मतिथि: 14 मई 1960
कार्यकाल: 18 जनवरी 2019 – 13 मई 2025
पद: भारत के सर्वोच्च न्यायालय के 51वें मुख्य न्यायाधीश


🔹 न्यायमूर्ति संजीव खन्ना – भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश

भारत के न्यायिक इतिहास में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना का नाम एक प्रतिष्ठित और विद्वान न्यायाधीश के रूप में लिया जाता है। वे 18 जनवरी 2019 को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए और अब वे भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश हैं। अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने कई ऐतिहासिक फैसले दिए हैं और भारतीय न्यायिक प्रणाली को नई दिशा दी है।

वर्तमान में, वे राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) के संरक्षक-इन-चीफ और राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी, भोपाल (NJA) के अध्यक्ष हैं। इससे पहले वे सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विसेज कमेटी (SCLSC) के अध्यक्ष (17 जून 2023 – 25 दिसंबर 2023) और NALSA के कार्यकारी अध्यक्ष (26 दिसंबर 2023 – 10 नवंबर 2024) भी रह चुके हैं।


🔹 शिक्षा और प्रारंभिक करियर

न्यायमूर्ति खन्ना ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर से कानून की पढ़ाई पूरी की और 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में पंजीकरण कराया

अपने प्रारंभिक करियर में उन्होंने दिल्ली के जिला न्यायालयों में वकालत शुरू की, लेकिन बाद में उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय में विशेष रूप से प्रैक्टिस शुरू की।

वकालत के दौरान, उन्होंने विभिन्न विधि क्षेत्रों में काम किया, जिनमें शामिल हैं:
संविधान कानून (Constitutional Law)
प्रत्यक्ष कर कानून (Direct Taxation)
आर्बिट्रेशन और व्यावसायिक कानून (Arbitration & Commercial Laws)
कंपनी कानून (Company Law)
भूमि कानून (Land Laws)
पर्यावरण संरक्षण कानून (Environment Protection Laws)
चिकित्सा लापरवाही (Medical Negligence)


🔹 प्रमुख कानूनी पद और योगदान

न्यायमूर्ति खन्ना आयकर विभाग के वरिष्ठ स्थायी अधिवक्ता (Senior Standing Counsel for Income Tax Department) के रूप में सात वर्षों तक कार्यरत रहे। इसके बाद, उन्हें कुछ समय के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली (NCT Delhi) के लिए वरिष्ठ स्थायी अधिवक्ता (Senior Standing Counsel, Civil) नियुक्त किया गया।

उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय में अतिरिक्त लोक अभियोजक (Additional Public Prosecutor) के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं और कई महत्वपूर्ण आपराधिक मामलों में न्यायालय के अमिकस क्यूरी (Amicus Curiae) के रूप में सहयोग किया


🔹 दिल्ली उच्च न्यायालय में न्यायिक सेवा

➡️ 24 जून 2005: दिल्ली उच्च न्यायालय में अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए।
➡️ 20 फरवरी 2006: दिल्ली उच्च न्यायालय में स्थायी न्यायाधीश बनाए गए।

दिल्ली उच्च न्यायालय में न्यायाधीश रहते हुए, वे दिल्ली न्यायिक अकादमी (DJA), दिल्ली अंतरराष्ट्रीय आर्बिट्रेशन केंद्र (DIAC) और जिला न्यायालय मध्यस्थता केंद्रों के अध्यक्ष/न्यायाधीश-प्रभारी भी रहे।


🔹 सुप्रीम कोर्ट में न्यायिक यात्रा

18 जनवरी 2019 को, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया। अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने कई ऐतिहासिक फैसले दिए और भारतीय न्यायिक प्रणाली को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

उन्होंने विशेष रूप से न्यायिक शिक्षा और विधिक सेवा प्राधिकरणों पर ध्यान केंद्रित किया और अपने कार्यकाल में आम जनता को न्याय तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई।


🔹 विशेष जिम्मेदारियां और प्रशासनिक भूमिका

📌 राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) के संरक्षक-इन-चीफ
📌 राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी (NJA), भोपाल के अध्यक्ष
📌 सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विसेज कमेटी (SCLSC) के अध्यक्ष (17 जून 2023 – 25 दिसंबर 2023)
📌 NALSA के कार्यकारी अध्यक्ष (26 दिसंबर 2023 – 10 नवंबर 2024)


🔹 न्यायमूर्ति संजीव खन्ना का सेवानिवृत्ति कार्यक्रम

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना 13 मई 2025 को सेवानिवृत्त होंगे। अपने पूरे न्यायिक करियर में, उन्होंने कानून के कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में योगदान दिया और भारतीय न्यायपालिका को एक नई दिशा दी।


🔹 निष्कर्ष

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की न्यायिक यात्रा ईमानदारी, निष्पक्षता और कानूनी विद्वता का प्रतीक रही है। उनके कार्यकाल में दिए गए फैसले भारतीय न्यायपालिका के लिए मील का पत्थर साबित हुए हैं

उनकी न्यायिक समझ, कानूनी अनुभव और सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण ने उन्हें भारतीय न्यायपालिका के सबसे सम्मानित न्यायाधीशों में से एक बना दिया है। उनकी सेवानिवृत्ति के बाद भी, उनके द्वारा किए गए सुधार और निर्णय भारत की न्याय व्यवस्था को लंबे समय तक प्रभावित करेंगे


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