supreme court of india सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: महिला न्यायिक अधिकारियों की बर्खास्तगी रद्द, लैंगिक संवेदनशीलता और न्यायिक समीक्षा पर जोर

PROBOTION सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले के माध्यम से न्यायिक व्यवस्था में लैंगिक संवेदनशीलता और मानवीय दृष्टिकोण को मजबूती दी है। न्यायमूर्ति नागरथ्ना ने कहा, “न्यायाधीशों का कार्य केवल कानूनी प्रावधानों को लागू करना नहीं, बल्कि समाज की नैतिक जिम्मेदारी भी उठाना है। महिला अधिकारियों के साथ होने वाले भेदभाव से न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुंचती है।”